बीजिंग की धरती पर जब राष्ट्रीय धुन 'जन गण मन' की धुन प्रारंभ हुई, तो देश की 1 अरब से ज्यादा आबादी का सीना चौड़ा हो गया और तमाम खेलप्रेमियों में यह आस भी जगी कि नहीं...हमारे देश के खिलाड़ी भी ओलिम्पिक से सोना बटोर सकते हैं और इसे जीता भारत के अभिनव बिंद्रा ने
अभिनव के उद्योगपति पिता एएस बिंद्रा और माँ बबली बिंद्रा के असीम प्रोत्साहन ने उनके इस शौक में कोई बाधा नहीं आने दी और पुत्र ने अपने दृढ़ निश्चय से पदक हासिल किया ।अभिनव बिंद्रा : परिचय
* 28 सितम्बर 1983 में देहरादून में जन्म
* 15 बरस की उम्र से निशानेबाजी की शुरुआत
* 1998 में राष्ट्रमंडलीय खेलों भाग लेने वाले सबसे युवा निशानेबाज
* 2000 के सिडनी ओलिम्पिक खेलों में हिस्सा लेने वाले सबसे युवा निशानेबाज
* 2001 में निशानेबाजी में अर्जुन पुरस्कार
* 2001 में मैनचेस्टर में आयोजित निशानेबाजी प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक
* 2002 में राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार
* 2002 में राष्ट्रमंडल खेलों की 10 मीटर एयर रायफल के युगल में स्वर्ण, एकल में रजत
* 2004 के एथेंस ओलिम्पिक में ओलिम्पिक रिकॉर्ड, लेकिन पदक जीतने से चूके
* 2008 के बीजिंग ओलिम्पिक खेलों की 10 मीटर एयर रायफल में स्वर्ण पदक
1 टिप्पणी:
धन्यवाद एक अच्छी जानकारी देने के लिये
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