शुक्रवार, 22 अगस्त 2008

भारत को मिडिलवेट मुक्केबाजी का कांस्य

बधाई विजेंदर,
पूरी तैयारी और आक्रामक तरीके के साथ लड़ने के बावजूद मिडिलवेट मुक्केबाजी में विजेंदर तुम्हारे पंच और फुटवर्क में तालमेल के अभाव ने काँसे को चाँदी में तब्दील होने नहीं दिया। क्यूबा के विश्व-स्तरीय घुंसेबाज द्वारा अनुभवों के आधार पर बढ़त कायम करने के बावजूद तुम खूब लड़े। इतिहास तो तुमने लिखा ही है भारतीय मुक्केबाजी का।
क्यूबा का मुक्केबाज एमिलियो बेयूक्स कोरिया 8-5 अंकों के साथ मुकाबला जीतने में सफल रहा। एमिलियो के पिता ने 1970 के दशक में मुक्केबाजी की दुनिया में काफी धूम मचाकर 1972 के म्यूनिख ओलिम्पिक का स्वर्ण पदक जीता है। ये बात उसकी विरासत को दर्शाती है।
हमारे खिलाडी, चाहे तुम्हे हार कबूलना पड़ी हो पर तुम खेले शानदार।
खेल में हार जीत तो होती है, परन्तु फख्र है सामना करने में तुमने कोई कमी नहीं छोड़ी।
हमें तुम पर गर्व है।
: राजेश घोटीकर


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