बुधवार, 20 अगस्त 2008

विजेंदर का पदक पक्का



बीजिंग ओलिम्पिक के मुक्केबाजी रिंग में भारत के लिए बुधवार का दिन ऐतिहासिक साबित हुआ। मुक्केबाज विजेन्दर ने आक्रमण और बचाव की कुशल रणनीति अपनाकर आज बीजिंग ओलिम्पिक में पदक पक्का करके भारतीय मुक्केबाजी में नया इतिहास रचा लेकिन उनके साथी जितेंदर कुमार अच्छे प्रयासों के बावजूद यह उपलब्धि हासिल करने से चूक गए। विजेन्दर ने मुक्केबाजी के मिडिलवेट (75 किग्रा) वर्ग में इक्वाडोर के अपने प्रतिद्वंद्वी कार्लोस गोंगोरा को आसानी से अंकों के आधार पर 9-4 से शिकस्त देकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया, जिससे उन्हें कम से कम कांस्य पदक मिलना तय है।
2-2 मिनट के सभी चार राउंड में विजेन्दर हावी रहे। उनका आक्रामण और सुरक्षात्मक शैली गजब की थी। बेहद आत्मविश्वास में दिखाई दे रहे विजेन्दर ने पहले राउंड में 2, दूसरे में 2, तीसरे में 3 और चौथे में 2 अंक प्राप्त किए जबकि गोंगोरा दूसरे, तीसरे राउंड में 1-1 तथा चौथे राउंड में 2 अंक ही प्राप्त कर सके। सेमीफाइनल में विजेन्दर को क्यूबा के इमेलियो कोरिया की कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा लेकिन आत्मविश्वास से ओतप्रोत यह मुक्केबाज इसके लिए तैयार है। उन्होंने कहा ‍कि मैं मुकाबले दर मुकाबले आगे बढ़ रहा हूँ और मेरा लक्ष्य स्वर्ण पदक है। विजेन्दर से पहले जितेन्दर कुमार फ्लाइवेट (51 किग्रा) वर्ग के क्वार्टर फाइनल में कड़ी चुनौती पेश करने के बावजूद रूस के जॉर्जी बलाकशिन से 11-15 से हारकर बाहर हो गए। जितेन्दर के साथी मुक्केबाज अखिल कुमार (54 किग्रा) भी अंतिम आठ में पराजित हुए थे। विजेन्दर ने इन दोनों की हार से सबक लेकर आक्रमण और बचाव की रणनीति को बहुत अच्छी तरह से लागू किया। उन्होंने पहले दौर में ही 2-0 की बढ़त बनाकर अपने प्रतिद्वंद्वी पर हावी होने के संकेत दे दिए थे। हरियाणा के इस मुक्केबाज ने इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा और अपने दोनों हाथ से दनादन घूँसे जड़कर गोंगोरा को पस्त कर दिया।

कोई टिप्पणी नहीं: